पलकों में बनके आंसू तू चली आती है
वैसे जिंदा हूँ ऐ ज़िन्दगी, बिन तेरे मैं
दर्द ही दर्द बाकी रहा है सीने में
सांस लेना भर ही यहाँ जीना नही है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
पलकों में बनके आंसू तू चली आती है
अब तो आदत सी है मुझको साथ मेरे है तू हर पल शब के अंधेरे में
पास मेरे है तू हरदम उजले सवेरे में
दिल से धड़कन भुला देना आसां नही है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
पलकों में बनके आंसू तू चली आती है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में