सोचा नही था कभी तुझसे कहूँगा मैं
बेहतर है ज़िंदगी तेरे साए मैं मेरी
तुझमे ही मिल गया है बाखुदा
तुझमे जियु मारू, बेपनाह इश्क़ करू
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना (फसाना)
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना (फसाना)
तुझसे बिछड़के जुदा खुद से हुआ मैं
महसूस करके तुझे खुद से मिला हूँ मैं
तुझसे बिछड़के जुदा खुद से हुआ मैं
महसूस करके तुझे खुद से मिला हूँ मैं
नज़रों में तू शामिल (पा पारा पा)
तू आखरी मंज़िल, हो जाए हासिल हर वफ़ा (पा पारा पा)
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना
कैसे बताए तुझे लब लड़खड़ाए
तू सामने है फिर भी कुछ कह ना पाए
कैसे बताए तुझे लब लड़खड़ाए
तू सामने है फिर भी कुछ कह ना पाए
खामोश है आँखें (पा पारा पा)
हर पल तुझे देखें, तुझमे मिला है यह जहाँ (पा पारा पा)
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना
वादा रहा सनम, होंगे जुदा ना हम
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना
हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना (हमारी चाहतों का मिट ना सकेगा फसाना)
WRITERS
ANJAN GUHA, ANWAR SAGAR, BUDHADITYA MUKHERJEE, JATIN LALIT, JOY CHAKRABORTI