हाय, मर जायेंगे हम तो लुट जायेंगे
हाय, मर जायेंगे हम तो लुट जायेंगे
हो तुम ही सोचो ज़रा, क्यों न रोकें तुम्हें
तुम ही सोचो ज़रा, क्यों न रोकें तुम्हें
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इनको खोकर कहीं, मेरी जाने जाँ
आज जाने की ज़िद्द न करो आ आ आ