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Lyrics
गुस्ताखियाँ गुस्ताखियाँ

तेरे बारे में सोचते
दिन है जाता निकल
बदली बदली सी क्यूँ ये है
फितरतें आजकल
दिल में मेरे तू घर कर गया
खाली था जो तू वो भर गया
गुस्ताखियाँ होने दे
मनमानियां होने दे

गुस्ताखियाँ होने दे मनमानियां होने दे
होने दे
ये डूबे डूबे से जो लम्हात है
ये भीगे भीगे से जो जज्बात है
ये इश्क ये चाहत कब इबादत
बन गयी क्या पता
दिल में मेरे तू घर कर गया
बेरंग थी मैं तू रंग गया

गुस्ताखियाँ होने दे ऐ
मनमानियां होने दे ऐ

गुस्ताखियाँ होने दे ऐ मनमानियां होने दे

WRITERS

ANURAG SAIKIA, KAUSHAL KISHORE

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network, Peermusic Publishing

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