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Lyrics
आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की
हां आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की
आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की
हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की
हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की
आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की
आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की

बेन्तेहा तुझको चाहूं मैं
एक पल जो बिन तेरे जी ना पाउ मैं
तो कैसे जीउँगा मैं ज़िंदगी सारी
दिल पे मेरे है तेरी खुमारी
धड़कन ना चलेगी तुम बिन सीने की
आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की

हर पल रहूं साथ मैं तेरे
अब चाहे यही रात दिन मेरे
बयान हाले दिल है इन निगाहों से
हासिल सुकून है तेरी पनाहों से
ना वक़्त कभी ना आए घूम सीने की
आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की
हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की
हर साँस को ज़हेर के जैसे पीने की
आदत नही है तुम बिन मुझे जीने की
जीने की

WRITERS

Laado Suwalka

PUBLISHERS

Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC, RALEIGH MUSIC PUBLISHING

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