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Lyrics
हैं कतार जैसे नैना मतवाले
ओए सुन इधर को तू देखियो ना
यूं उतार देगी तुझको ज़मीन पे
बचियो घणा तू इत्त उडियो ना
हैं फरेबी इशारे
कोई है ना बच्चा रे
आग की जैसे बरसात है
एक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातों में जागी सी
एक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातों में जागी सी
मिली इक अजनबी से
कोई आगे ना पीछे
तुम्ही कहो ये कोई बात है

Wow wow wow wow wow
Wow wow wow wow wow
तुझ पे ही जाकर बसी है जी
सांसें वांसेन अब तो सारे शहर की
मचि पड़ी है जी तबाहीयाँ
तेरे होने से ही दौड़े हैं
जाती लहर क़ातिलाना कहर की
गलती से भी मुस्कुराना देना
चेहरा जितना शर्मीला है
नखरा उतना ज़हरीला है
चेहरा जितना शर्मीला है
नखरा उतना ज़हरीला है
हैं फरेबी इशारे
कोई है ना बच्चा रे
आग की जैसे बरसात है
एक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातों में जागी सी
एक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातों में जागी सी
मिली इक अजनबी से
कोई आगे ना पीछे
तुम्ही कहो ये कोई बात है

WRITERS

MAJROOH SULTANPURI, S. D. BURMAN, A, N, S D Burman

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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