मेरी सास के पांच पुत्तर थे
मेरी री सास के पांच पुत्तर थे
मेरे रे करम मैं बावलिया लिख्या था
हे रे बावलिया रे तेरे लाडा का लाडा
बावलिया रे तेरे लाडा का लाडा
नहीं रे किसे ते घाट सुनियो
नहीं रे किसे ते घाट सुनियो
देसी बनाके रेहवे भेष सुनियो
मेरे रे करम मैं बावलिया लिख्या था
हे रे शेरां के मुँह किसने धोये
पुरे रे लगा दूंगा मैं ठाठ सुनियो
पुरे लगा दूंगा मैं ठाठ सुनियो
मेरे रे करम मैं बावलिया लिख्या था
हे रे ल्या दूंगा मैं लाडू पेड़े
पुरे रे लगा दूंगा मैं ठाठ सुनियो
पुरे लगा दूंगा मैं ठाठ सुनियो
क्रिशन ढुँढ़वा से जी ते प्यारा
क्रिशन ढुँढ़वा से जी ते प्यारा
मेरे रे करम मैं बावलिया लिख्या था