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Lyrics
चिट्ठी हैं या कोई दिल हैं ये
लफ्ज़ो में धड़के हैं क्यूँ सिया ये
चिट्ठी नहीं ये बादल हैं ये
लिपटी हैं मुझसे ये अस्मा से
इन छोटे से पन्नो में
मेरी सारी कमाई हैं
उड़ता हु कागज के कतरो सा
जब से हाँ तू आयी हैं

भरखा मिलती प्यासे को
हाँ ऐसे तू मिली जाना
जाने जैसे आती तू भी
बिन बुलाये चले आना

भरखा मिलती प्यासे को
हाँ ऐसे तू मिली जाना
जाने जैसे आती तू भी
बिन बुलाये चले आना

बातों में बातें है उलझी हुयी
पढ़ के में सुलझा जा रहा
शब्दो से जोड़ा हैं चेहरा तेरा
चहरे में घुलता जा रहा हूँ

तुझे लिए हाथों में
चला जा रहा हूँ में
गिनता हूँ तारो को फूलो को
खत में जो चलके आये हैं

भरखा मिलती प्यासे को
हाँ ऐसे तू मिली जाना
जाने जैसे आती तू भी
बिन बुलाये चले आना
भरखा मिलती प्यासे को
हाँ ऐसे तू मिली जाना
जाने जैसे आती तू भी
बिन बुलाये चले आना.

WRITERS

Varun Grover

PUBLISHERS

Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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