ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
होठों पे मेरे तेरा नाम आया नहीं
ख्वाबों में मेरे कही तेरा साया नहीं
ये हलकी हलकी बुँदे चाहत की फिर से बरसे
देखने को तुझ्को क्यों ये मेरी अंखिया तरसे
खुद को कभी ऐसी उलझन में पाया नहीं
ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
चलते चलेंगे तो शायद वो मंजिल मिले
तमना थी बरसो की अपनी ये दो दिल मिले
चलते चलते लेकिन ये क्या मक़ाम आया
दिलमे और होठों पे और मेरे तो नाम आया
जिसने किया मुझको घायल वो कातिल मिले
ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
ये कैसा एहसास है ये कैसी प्यास है
मेरी किस्मत मेरे पास है मेरे पास है